आरती माँ मातंगी की🌞
ओम जय मातंगी मा (2)
द्विजवर सुखकर सगी, धमांधुरा नदी
ओम जयो जयो मा मातंगी मा
विप्रमात तुं विष्णुशक्ति तुं द्विज्ज्न उध्धरती मा…(2)
दया द्रष्टि करी प्रीते (2) द्विकुल भय हरती… ओम
पंचावन पर स्वार, अष्टदश भुजधारी मा…(2)
आयुध चक्र गदादि (2) प्रभुमय बलधारी… ओम
निगम नीतिना वचन प्रमाणे, तुं मा धर्मतणी मा…(2)
धर्मारण्यनी देवी (2) धर्मधरा वरती… ओम
आर्यावर्तमां धर्म स्थापवा, अधर्मने पाप हरवा मा…(2)
सितापति श्री रामे (2) श्रेय सकल करवा… ओम
विष्णु विरंची शिवजी, तव अर्चन करता मा…(2)
धर्म विद्यात्री तुजने (2) स्थापी शुभ करता… ओम
शोभे सुंदर रूप, रत्न जडित पटथी मा…(2)
स्मित मुख कमले ज्योति (2) करूणा द्रष्टिथी… ओम
धर्मक्षेत्रनी अधिदेवी तुं मातंगी लक्ष्मी मा…(2)
हरि नीकटे नीत वसती (2) तुं साक्षात लक्ष्मी मा…(2)
हरिप्रिया तुं सत्य विभुति लक्ष्मीरूप धरा मा…(2)
तव पद गुर्जर पावन (2) दश दिश वसुंधरा… ओम
मोढेश्वरी तुं मोढ ज्ञातिनी काम दुधा माता मा…(2)
मोढवृक्षना शीशुनी (2) तुं सर्जक माता… ओम
त्रिगुणा तत्व मयी, चींतामणी फूलदा मा…(2)
धर्म क्षेत्र धर्मेश्वरी (2) धर्मधरा वरदा… ओम
यर्जु विधिथी पूजा, तुज विप्रो करता मा…(2)
साम रूचायो भणता (2) प्रसन्नता वरदा…ओम
आसुर विधि ने विप्र मा आरती जयकारीपूजन थाल ने विधि (2)
तुज पर वारी…ओम
मोढेश्वरीनी आरती जे कोई गाशे, मा जे भावे गाशे,
दु:ख दरिद्र पापहरता, जन्म सफल थाशे…ओम
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