** या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थित । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमःया देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभुतेषु बुद्धि रूपेण थिथिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु तृष्णा-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु क्षुधा-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु तुष्टि-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु निद्रा-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः या देवी सर्वभूतेषु भक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमःया देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
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मंदिर विषयक

  माँ मातंगी धाम: प्रकृति, शक्ति और आस्था का दिव्य संगम

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 माँ मातंगी धाम, मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण हिन्दू धार्मिक स्थल है। यह धाम दस महाविद्याओं में से एक, देवी मातंगी को समर्पित है, जिन्हें वाणी, ज्ञान, संगीत और कला की देवी माना जाता है। माँ मातंगी को मोढ़ ब्राह्मण समुदाय की कुलदेवी के रूप में भी पूजा जाता है। झाबुआ (मध्य प्रदेश) में स्थित माँ मातंगी धाम, केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि शांति, आस्था और प्रकृति का एक अनूठा केंद्र है। चारों ओर घनी हरियाली से आच्छादित यह धाम, जैसे प्रकृति की गोद में समाया हुआ है। जैसे ही आप मंदिर परिसर में प्रवेश करते हैं, हरियाली और सुंदरता से भरे दृश्य आपकी आँखें खोल देते हैं, मानो आप किसी प्राचीन और दिव्य लोक में आ गए हों।

धाम का यह विहंगम और शांत वातावरण स्वतः ही यह अनुभूति कराता है कि यह स्थल अनादि काल से ही किसी दैवीय शक्ति का प्रत्यक्ष निवास रहा होगा। इस विशालता और वर्षों की प्राचीनता के बावजूद, आज भी इसकी हरियाली आच्छादित वादियाँ उसी दिव्य उपस्थिति और पवित्रता की गवाही देती हैं।
  
  मंदिर का इतिहास और महत्व (History & Significance)
माँ मातंगी धाम एक नव-निर्मित भव्य मंदिर है, जिसका इतिहास यहाँ स्थित सिद्धपीठ बालाजी धाम से जुड़ा हुआ है।

निर्माण तिथि
झाबुआ में नवनिर्मित मातंगी मंदिर की स्थापना और माँ मातंगी की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा फरवरी 2011 में एक भव्य चार दिवसीय कार्यक्रम के साथ की गई थी, जिसमें माँ के पटोत्सव को अत्यंत धूमधाम से मनाया गया था।
  • सिद्धपीठ बालाजी धाम
मातंगी मंदिर का प्रांगण ही सिद्धपीठ बालाजी धाम कहलाता है। इस प्रांगण में वर्ष 1993 में एक सुंदर मंदिर का निर्माण किया गया था। यहाँ पिछले 16 वर्षों से भी अधिक समय से प्रतिदिन और हर शनिवार को सुंदरकांड का नियमित पाठ किया जा रहा है।
पुराणों के अनुसार, किसी भी स्थान पर लगातार 12 वर्षों तक नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करने से वह स्थान सिद्ध हो जाता है। यही कारण है कि यह स्थल सिद्धपीठ बालाजी धाम के नाम से विख्यात है, जो माँ मातंगी धाम की पवित्रता को और बढ़ाता है।
  • माँ मातंगी: कुलदेवी
माँ मातंगी मोढ़ ब्राह्मण समाज की कुलदेवी हैं। इन्हें महाविद्याओं में से एक, तांत्रिक देवी और हिन्दू देवी पार्वती का ही एक रूप माना जाता है। माँ मातंगी वाणी, संगीत, ज्ञान और कलाओं को नियंत्रित करती हैं, इसलिए उनकी उपासना विशेष फलदायी होती है।
  • हमारी अवस्थिति (Location & Connectivity)
स्थान और कनेक्टिविटी
यह मंदिर झाबुआ शहर के मध्य भाग में इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-47) पर स्थित है। यह अपने हरे-भरे वातावरण और शांत परिसर के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थल इंदौर (लगभग 150 कि.मी.) और दाहोद (लगभग 75 कि.मी.) जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रेल मार्ग से आने वाले भक्तों के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन मेघनगर है, जो धाम से मात्र 15 कि.मी. दूर है।
  
नजदीकी गाँव और कस्बे
धाम के पास ही कई छोटे-छोटे गाँव और कस्बे हैं, जैसे: रानापुर, थांदला, जोबट, और मेघनगर, जो कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर हैं।

मेघनगर स्टेशन पहुँचने के बाद, भक्तगण बिना किसी परेशानी के बस, जीप या अन्य स्थानीय साधनों के माध्यम से आसानी से माँ मातंगी धाम तक पहुँच सकते हैं और इस पवित्र और प्राकृतिक स्थल की दिव्यता का अनुभव कर सकते हैं।
 
मातंगी पारमार्थिक ट्रस्ट
कार्यालय :109/12 गोपाल कालोनी झाबुआ (म.प्र ) भारत
फ़ोन नम्बर : +91-7392-244396 फैक्स :+91-7392-244939
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